भारत सरकार MSMEs की चिंताओं को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) के लागू होने से उठ रही चुनौतियों को समझते हुए, उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाई है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य MSMEs के साथ सीधा संवाद स्थापित करना और QCOs से जुड़ी उनकी सभी समस्याओं का समाधान खोजना है। क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन करके, सरकार MSMEs की आवाज़ को सुनना और उनकी बातों को समझना चाहती है।
QCOs का महत्व
QCOs घरेलू उद्योग, विशेष रूप से MSMEs, की क्षमता निर्माण में सहायक हैं। ये ऑर्डर्स न केवल उन्हें निर्यात के लिए तैयार करते हैं बल्कि वैश्विक बाजारों तक पहुँचने में भी मदद करते हैं। कई MSME स्वेच्छा से BIS प्रमाणन प्राप्त करते हैं ताकि अपने उत्पादों पर ISI मार्क लगा सकें और ग्राहकों को उनकी गुणवत्ता का भरोसा दिला सकें।
BIS द्वारा जारी लगभग 50,753 उत्पाद प्रमाणपत्रों में से लगभग 40,000 (80%) MSMEs को जारी किए गए हैं, और 24,625 लाइसेंसधारियों ने स्वेच्छा से BIS प्रमाणन प्राप्त किया है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- सप्ताह में तीन बार जन सुनवाई: खुली सुनवाई के माध्यम से, कोई भी अपनी समस्याएँ और प्रश्न पूछ सकता है।
- मानक मंथन: BIS के शाखा कार्यालयों ने MSMEs को स्थानीय स्तर पर सहायता प्रदान करने के लिए ‘मानक मंथन’ पहल शुरू की है।
- प्रमाणन प्रक्रिया में सुधार: BIS की प्रमाणन प्रणाली को और अधिक कारगर बनाया जा रहा है।
- क्षेत्रीय सम्मेलन: DoCA क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन कर MSMEs के साथ बातचीत करेगा और प्रमाणन संबंधी उनकी चिंताओं का समाधान करेगा।
- MSMEs के लिए विशेष छूट: MSMEs को इन-हाउस प्रयोगशालाएँ स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है, वे क्लस्टर में परीक्षण सुविधाओं को साझा कर सकते हैं या मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही, अनुपालन को आसान बनाने और गुणवत्ता के पालन को प्रोत्साहित करने के लिए, MSMEs को अंकन शुल्क में छूट दी जा रही है (सूक्ष्म इकाइयों को 80%, छोटी इकाइयों को 50% और मध्यम इकाइयों को 20% छूट)।
इन सभी उपायों से MSMEs पर अतिरिक्त अनुपालन का बोझ कम हुआ है और उन्हें BIS प्रमाणन प्राप्त करना और बाजार में अपनी विश्वसनीयता बढ़ाना आसान हुआ है।
QCOs के फायदे
QCOs घरेलू बाजार में गुणवत्तापूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने और उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने में मदद करते हैं। ISI मार्क सुरक्षा, गुणवत्ता, प्रदर्शन और पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन को दर्शाता है। QCOs घटिया आयातों, विशेष रूप से माल के डंपिंग को रोकने और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं।
हालांकि, कुछ MSMEs ने सरकार से शिकायत की है कि QCOs गैर-शुल्क बाधाओं के समान हैं और उनके लिए इनपुट की लागत बढ़ाते हैं। NITI आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने हाल ही में कहा था कि QCOs “हानिकारक हस्तक्षेप” हैं जिन्होंने कुछ इनपुट के आयात को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे MSMEs को उच्च लागत पर इनपुट खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।