क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में बिटकॉइन फिर से चर्चा में है। जुलाई 2025 में बिटकॉइन ने अपनी अब तक की सबसे ऊंची कीमत हासिल की और $123,000 से ज्यादा पर ट्रेड हुआ। इस नए रिकॉर्ड के बाद, बड़े-निवेशक (whales) और माइनर्स ने भारी बिकवाली शुरू कर दी है, जिससे बाजार में नई हलचल देखने को मिली है। इस लेख में आप जानेंगे कि यह रिकॉर्ड कैसे बना, इसके पीछे की वजहें क्या थीं और क्यों बड़े निवेशक अब प्रॉफिट बुकिंग (मुनाफावसूली) पर उतर आए हैं।
बिटकॉइन का नया रिकॉर्ड: क्या रहा खास?
- जुलाई 2025 में बिटकॉइन $123,000 के पार पहुंचा, जो इसका अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
- पिछले एक साल में इसने अपनी वैल्यू को दोगुना से भी ज्यादा कर लिया है।
- बिटकॉइन के इस उछाल को कई फैक्टर्स ने बढ़ावा दिया:
- अमेरिका में क्रिप्टो फ्रेंडली रेगुलेशन आने की उम्मीद
- राजनीतिक बदलाव और राष्ट्रपति ट्रंप की पॉलिसी सपोर्ट
- ग्लोबल मार्केट में बिटकॉइन की मान्यता और बढ़ती मांग
एक्सपर्ट की नजर में
Tony Sycamore, IG Markets के मुताबिक, “इस समय बहुत मजबूत इंस्टीट्यूशनल दिलचस्पी दिख रही है, और निवेशक बिटकॉइन को लेकर आशावादी हैं कि कीमतें और ऊपर जा सकती हैं”।
रैली के पीछे की वजहें
1. राजनीतिक एवं रेगुलेटरी बूस्ट
- अमेरिकी संसद में डिजिटल एसेट्स के लिए नए कानूनों की चर्चा शुरू हुई है, जिससे बाजार में आत्मविश्वास आया।
- क्रिप्टो फ्रेंडली रेगुलेशन से निवेशकों की उम्मीदें बढ़ी हैं, खासकर स्थिरकॉइन (Stablecoin) संबंधित बिल को समर्थन मिलने के बाद।
2. इंस्टीट्यूशनल और रिटेल इनवेस्टर्स की भागीदारी
- बड़े निवेशकों और कॉरपोरेट कंपनियों ने बिटकॉइन में भारी निवेश किया।
- ETF के जरिए बिटकॉइन की खरीदारी ने भी मार्केट में तेजी लाई।
- CoinGecko के अनुसार, पूरी क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू $4 ट्रिलियन के पार पहुंच गई।
बिकवाली क्यों शुरू हुई?
- रिकॉर्ड प्राइस पर प्रॉफिट लेना: जब किसी एसेट की कीमत रिकॉर्ड स्तर तक जाती है, तो पुराने निवेशक अक्सर मुनाफा निकालने लगते हैं।
- माइनिंग कॉस्ट और लॉन्ग टर्म वायबिलिटी: माइनर्स के लिए जब बिटकॉइन की कीमत अपने शिखर पर होती है, तब यह उनके लिए बेहतर मुनाफे का मौका बन जाता है।
- भविष्य की अनिश्चितता: हालांकि पॉलिटिकल और रेगुलेटरी बूस्ट ने मार्केट में पॉजिटिविटी दी है, लेकिन लंबी अवधि की दिशा को लेकर संशय भी है। इससे कुछ बड़े निवेशक सतर्क हो गए हैं।
क्या होता है जब बड़ी बिकवाली शुरू होती है?
- संभावित कीमत में गिरावट: अचानक सप्लाई बढ़ने से मांग पर असर पड़ता है, जिससे बिटकॉइन की कीमत में अस्थिरता आ सकती है।
- नई लिक्विडिटी: बिकवाली के जरिए नए निवेशकों को बाजार में एंट्री का मौका मिलता है, जो लॉन्ग टर्म में सकारात्मक हो सकता है।
एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसी बिकवाली बिटकॉइन की सेहत के लिए जरूरी भी है, ताकि बाजार बहुत ज्यादा ‘ओवरहाइप’ न हो जाए और नेचुरल करेक्शन आ सके।
बाजार का अगला कदम
ब्रोकरेज Bernstein ने अनुमान जताया है कि 2025 के अंत तक बिटकॉइन $200,000 तक जा सकता है, लेकिन यह डिपेंड करेगा कि संस्थागत निवेशक और रेगुलेटरी सपोर्ट किस तरह जारी रहता है।
बिटकॉइन की कीमतों में फिलहाल वोलैटिलिटी बनी रहेगी, क्योंकि कुछ हिस्सों में बिकवाली और कुछ क्षेत्रों में नई खरीदारी साथ चल रही है।
निष्कर्ष
बिटकॉइन ने एक नया रिकॉर्ड बनाकर क्रिप्टो दुनिया का ध्यान फिर से अपनी ओर आकर्षित किया है। इस उछाल में राजनीतिक, आर्थिक और बाजार से जुड़े कई फैक्टर्स शामिल थे। रिकॉर्ड हाई के बाद बड़ी बिकवाली—यानी माइनर्स और व्हेल्स द्वारा भारी प्रॉफिट बुकिंग—बाजार का नेचुरल रिएक्शन है। इससे बाजार में अस्थिरता भी बढ़ेगी और नए निवेशकों के लिए अवसर भी आएंगे। क्रिप्टो सेक्टर लगातार बदल रहा है, और बिटकॉइन इसमें सबसे आगे नजर आता है—कभी रिकॉर्ड बना कर, तो कभी नई चुनौती सामने लाकर।
निवेश सलाह:
यह लेख केवल सूचना और एजुकेशन के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी क्रिप्टो में निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।