रविवार, 13 जुलाई 2025 को लंदन के साउथएंड एयरपोर्ट पर एक भीषण विमान हादसा हुआ जिसने पूरे ब्रिटेन और दुनिया भर के लोगों को चौंका दिया। एक छोटा यात्री विमान, Beechcraft B200 Super King Air, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया और देखते ही देखते आग का विशाल गोला बन गया।
हादसा कैसे हुआ?
यह विमान डच कंपनी Zeusch Aviation द्वारा संचालित किया जा रहा था और इसका गंतव्य नीदरलैंड्स का लेलीस्टाड एयरपोर्ट था। टेकऑफ के तुरंत बाद, विमान ने मुश्किल से 175 फीट की ऊँचाई हासिल की थी कि वह अचानक बाईं ओर झुक गया, नियंत्रण खो बैठा और रनवे के पास ज़मीन से टकरा गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान ने जैसे ही उड़ान भरी, वह असामान्य रूप से एक ओर झुक गया और फिर सीधे ज़मीन में जा गिरा, जिसके बाद एक जबरदस्त विस्फोट हुआ और काले धुएं के गुबार आसमान में फैल गए।
“विमान ने उड़ान भरी, और तीन-चार सेकंड बाद ही वह बाईं ओर झुक गया। फिर अचानक वह लगभग पलट गया और सीधा ज़मीन में जा गिरा। वहाँ एक बड़ा आग का गोला बन गया।”
— प्रत्यक्षदर्शी जॉन जॉनसन
राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद Essex County Fire and Rescue की टीमें, पुलिस और एंबुलेंस सेवा मौके पर पहुंच गईं। चार फायर ब्रिगेड, ऑफ-रोड वाहन, चार एंबुलेंस, हज़ार्डस एरिया रिस्पॉन्स टीम और एयर एंबुलेंस को तैनात किया गया। आसपास के Rochford Hundred Golf Club और Westcliff Rugby Club को सुरक्षा के लिहाज से खाली करा लिया गया।
हवाई अड्डे पर असर
साउथएंड एयरपोर्ट को तत्काल बंद कर दिया गया और सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। पुलिस और एविएशन एक्सपर्ट्स हादसे की जांच में जुटे हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों और आम जनता से अपील की है कि वे इलाके से दूर रहें और राहत कार्य में बाधा न डालें।
विमान और संभावित कारण
Beechcraft B200 Super King Air एक छोटा, दो इंजन वाला विमान है, जो आमतौर पर मेडिकल ट्रांसपोर्ट और बिजनेस फ्लाइट्स के लिए इस्तेमाल होता है। हादसे के समय विमान में कितने लोग सवार थे, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एक मेडिकल ट्रांसपोर्ट फ्लाइट थी।
फिलहाल दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, टेकऑफ के बाद तकनीकी खराबी या पायलट से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा।
विशेषज्ञों की राय
एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद विमान का नियंत्रण खोना आमतौर पर गंभीर तकनीकी खराबी या इंजन फेल्योर का संकेत होता है। ऐसे मामलों में पायलट के पास प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत कम समय होता है, जिससे हादसा टालना मुश्किल हो जाता है।
निष्कर्ष
यह हादसा एक बार फिर हवाई यात्रा की सुरक्षा और तकनीकी निगरानी की अहमियत को उजागर करता है। राहत और बचाव टीमों की तत्परता ने स्थिति को और बिगड़ने से रोका, लेकिन इस तरह की घटनाएँ हमेशा हवाई सुरक्षा मानकों की समीक्षा की माँग करती हैं। हादसे की पूरी जांच के बाद ही असली कारणों का पता चल पाएगा, लेकिन फिलहाल लंदन और आसपास के इलाकों में शोक और चिंता का माहौल है।
लोगों से अपील है कि वे अफवाहों से बचें, और आधिकारिक जानकारी का ही भरोसा करें। एयरपोर्ट और प्रशासन ने सभी यात्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, और हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।