प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देशभर के 51,000 से अधिक युवाओं को केंद्रीय सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह कार्यक्रम ‘रोज़गार मेला’ के 16वें संस्करण के तहत आयोजित हुआ, जिसमें देश के 47 स्थानों पर एक साथ नियुक्ति पत्र सौंपे गए। यह पहल न सिर्फ सरकारी क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारत की जनसांख्यिकीय (Demographic) और लोकतांत्रिक (Democratic) ताकत को भी रेखांकित करती है।
रोज़गार मेला: युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
रोज़गार मेला की शुरुआत अक्टूबर 2022 में हुई थी। तब से अब तक इस अभियान के तहत 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं। इस बार जिन 51,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र मिले हैं, वे रेलवे, स्वास्थ्य, डाक विभाग, वित्तीय सेवाएं, गृह मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय जैसे कई अहम विभागों में नियुक्त होंगे।
रेलवे में सबसे अधिक, लगभग 40,000 युवाओं को पक्की नौकरी मिली है।
अन्य विभागों में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं, जिससे सरकारी तंत्र और मजबूत होगा।
जनसांख्यिकीय और लोकतांत्रिक ताकत पर ज़ोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं—डेमोग्राफी (यानी सबसे बड़ी युवा आबादी) और डेमोक्रेसी (यानी सबसे बड़ा लोकतंत्र)। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम देश में बन रहा है, वह युवाओं की क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
“देश में स्टार्टअप्स, इनोवेशन और रिसर्च का जो इकोसिस्टम बन रहा है, वो देश के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा रहा है।” — प्रधानमंत्री मोदी
पारदर्शिता और निष्पक्षता
प्रधानमंत्री ने ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ का नारा दोहराया, यानी अब सरकारी नौकरियों में सिफारिश या घूस की कोई जगह नहीं है। रोज़गार मेला के जरिए लाखों युवाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से रोजगार मिला है, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है और योग्य उम्मीदवारों को ही मौका मिल रहा है।
निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन और नई प्रोत्साहन योजना
सरकार सिर्फ सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं है, बल्कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन पर फोकस कर रही है। हाल ही में सरकार ने Employment Linked Incentive Scheme को मंजूरी दी है। इसके तहत प्राइवेट सेक्टर में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता देगी, जिससे निजी कंपनियों को नए कर्मचारियों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
सरकार की प्रतिबद्धता और आगे की राह
रोज़गार मेला जैसी पहलें सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं कि देश के युवाओं को न सिर्फ रोजगार मिले, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। प्रधानमंत्री ने कहा,
“आपका विभाग कोई भी हो, कार्य कोई भी हो, लेकिन ध्येय एक है—राष्ट्र सेवा। आपको देश के लोगों की सेवा करने का बहुत बड़ा मंच मिला है।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 51,000 नियुक्ति पत्रों का वितरण केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि देश के युवाओं के आत्मविश्वास, सरकार की पारदर्शिता और भारत के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसरों के साथ, भारत की युवा शक्ति देश के विकास और वैश्विक नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।