23 जून 2025 को भारत में सोने की कीमतों में तीव्र गिरावट देखी गई, वहीं चांदी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।
1. सोने में गिरावट
MCX पर अगस्त 2025 निपटान वाले सोने के वायदा (Gold Futures) 0.2% टूटकर ₹99,329 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते दिखे, जिससे पिछले सत्र में आए उछाल का लाभ क्रमिक रूप से कट गया ।
इस गिरावट के पीछे मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा भविष्य में दर कटौतियों की धीमी दर का संकेत मुख्य कारण रहे, जिससे सुरक्षित-आश्रय (safe-haven) संपत्ति के रूप में सोने की मांग पर दबाव पड़ा ।
2. चांदी ने तोड़ा रिकॉर्ड
चांदी के वायदा (Silver Futures) ने आज नया सर्वोच्च स्तर छूते हुए ₹1,09,748 प्रति किलोग्राम का रिकॉर्ड स्थापित किया, जो कि पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ गया ।
3. बाज़ार की प्रतिक्रिया व कारण
वैश्विक बाजारों में बढ़ती ब्याज दरों की आशंकाएं और डॉलर की मजबूती ने निवेशकों को सोने से निकासी के लिए उकसाया।
दूसरी ओर, मजबूत औद्योगिक मांग, विशेषकर चीन से आयात में इज़ाफ़ा, तथा तंग आपूर्ति-कुशलताओं ने चांदी के रेकॉर्ड रैली को हवा दी।
4. विशेषज्ञों का रुख
विश्लेषकों का मानना है कि सोना शीघ्र ही फिर से समेकन (consolidation) अवस्था में आ सकता है, हालांकि वैश्विक अटकलें और मुद्रास्फीति की चाल आगे मूल्य निर्धारण को प्रभावित करती रहेंगी। चांदी के मामले में, यदि औद्योगिक गतिविधियाँ और जीरो-चीन संबंधी आयात स्थिर रहते हैं तो नया रिकॉर्ड स्तर संभव है।
आगे का रोडमैप
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अंतरराष्ट्रीय संकेतों—जैसे अमेरिकी रोजगार आंकड़े, मुद्रास्फीति डेटा और वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाक्रम—पर नज़र बनाए रखें।
घरेलू स्तर पर, त्योहारी सीज़न से पहले सोने में समेकन के अवसर पर लंबे समय के निवेश पर विचार किया जा सकता है, जबकि चांदी की उछाल में शामिल होने से पहले तात्कालिक आपूर्ति-मांग संतुलन पर खास ध्यान देना चाहिए।